एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस को बढ़ावा दे रही अवैध ई-फार्मेसियाँ: AIOCD ने प्रधानमंत्री से तत्काल की कठोर कार्यवाही की मांग

*अवैध ई फार्मेसी को तत्काल बंद किया जाए*
*ई फार्मेसी द्वारा अवैध रूप से बिना नियम कानून  के  बेची जा रही है नियम विरुद्ध एवं एंटीबायोटिक दवाई*
बेमेतरा=ऑल इंडिया ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (AIOCD) ने  प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी  से अवैध रूप से संचालित ई-फार्मेसियों के विरुद्ध तत्काल एवं कठोर कार्रवाई की मांग की है। AIOCD ने चेतावनी दी है कि बिना वैध चिकित्सकीय पर्चे के एंटीबायोटिक्स की खुलेआम ऑनलाइन बिक्री एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) को तेजी से बढ़ा रही है, जो जनस्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा बन चुकी है।
: अखिल भारतीय दवा विक्रेता  संघ  के महासचिव राजीव सिंघल ने कहा, कि “आज प्रधानमंत्री ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में एक गंभीर जन स्वास्थ्य मुद्दे को उठाया। आईसीएमआर की हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि निमोनिया और मूत्र मार्ग संक्रमण जैसी बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली एंटीबायोटिक्स अप्रभावी होती जा रही हैं या मरीज की हालत को और कमजोर कर रही हैं। इसका मुख्य कारण डॉक्टर की सलाह के बिना अनिर्दिष्ट दवाओं का उपयोग है…”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने मन की बात कार्यक्रम में एक गंभीर जन स्वास्थ्य  मुद्दे को उठाया है जिसमें ICMR यानि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की हाल ही की एक रिपोर्ट बताती है कि निमोनिया और UTI जैसी बीमारियों में Antibiotic दवाएं कमजोर साबित हो रही हैं। इसका एक बड़ा कारण बिना सोचे-समझे इनका सेवन है। इसलिए मोदी जी ने आग्रह किया  है कि Doctors की सलाह के बिना Antibiotics दवाएं ना लें।
इस पर हमारे  अखिल भारतीय दवा विक्रेता संघ के महासचिव राजीव सिंघल ने एक वीडियो के जरिए केमिस्ट को बताया कि हमारे कोई भी केमिस्ट बिना प्रिस्क्रिप्शन के एंटीबायोटिक दवाओं का वितरण नहीं किया जाता है सिंघल जी ने आगे कहा कि मोदी जी से आग्रह किया कि पूरा एंटीबायोटिक दवाई  देश में बढ़ रहे अवैध ई फार्मेसी जो बिना नियम कानून एवं प्रिस्क्रिप्शन के ऑनलाइन दवाओं का धड़ले से एंटीबायोटिक दवाओं का बिक्री किया जा रहा है इस पर लगाम एवं बंद करने की बात प्रधानमंत्री से कही है
*देशभर के 12.40 लाख से अधिक लाइसेंसधारी केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट्स का प्रतिनिधित्व करने वाली AIOCD ने कहा कि अवैध ऑनलाइन फार्मेसियाँ ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट का खुला उल्लंघन करते हुए बिना अधिकृत चिकित्सकीय पर्चे के एंटीबायोटिक्स एवं अन्य प्रिस्क्रिप्शन दवाओं की आपूर्ति कर रही हैं। संगठन के अनुसार, कई प्लेटफॉर्म टेली-मेडिसिन दिशानिर्देशों का दुरुपयोग करते हुए सतही ऑनलाइन परामर्श के माध्यम से फर्जी एवं औपचारिक पर्चे जारी कर दवाओं की बिक्री कर रहे हैं।
आगे AIOCD के अध्यक्ष जे. एस. शिंदे  एवं महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि
“इन अवैध गतिविधियों को विभिन्न नियामक एजेंसियों द्वारा बार-बार उजागर किया गया है और मीडिया में भी इन्हें प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है। इसके बावजूद प्रवर्तन की स्थिति अत्यंत कमजोर बनी हुई है, जबकि  दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से ई-फार्मेसियों को अवैध करार दिया है।”

*संगठन ने चेतावनी दी है  कि यदि समय रहते ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो इससे उपचार विफलताओं में वृद्धि होगी, स्वास्थ्य प्रणाली पर भारी दबाव पड़ेगा और आम नागरिकों का जीवन खतरे में पड़ जाएगा।

AIOCD ने सरकार से निम्नलिखित मांगें की हैं: की
• सभी अवैध रूप से संचालित ई-फार्मेसियों को तत्काल बंद किया जाए, तथा
• AIOCD के सहयोग से बिना वैध चिकित्सकीय पर्चे के ऑनलाइन प्रिस्क्रिप्शन दवाओं की बिक्री को प्रभावी रूप से रोका जाए।
राष्ट्रीय हित के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए AIOCD ने कहा कि वह सरकार की “स्वस्थ भारत – सुरक्षित भारत” की परिकल्पना के साथ पूर्णतः खड़ा है और स्व-चिकित्सा के विरुद्ध जागरूकता तथा एंटीबायोटिक्स के तर्कसंगत एवं जिम्मेदार उपयोग को बढ़ावा देता रहेगा।
AIOCD का नारा: है
“स्वस्थ भारत – सुरक्षित भारत”
एंटीबायोटिक्स का उपयोग केवल चिकित्सक के वैध पर्चे पर ही किया जाए। उक्त जानकारी प्रेस को  बेमेतरा जिला दवा विक्रेता संघ के अध्यक्ष दिनेश दुबे एवं सचिव नवीन अग्रवाल द्वारा दी गई ।

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